स्त्रियाँ परुष से दोगुना भोजन करती हे स्त्रियाँ परुष से चार गुना अधिक लज्जाशील होती हें स्त्रियाँ परुष से छे गुना साहसी होती हें उनमें कामवासना परुष से छे गुना अधिक होती हे  Women have hun...

www.chirkutpapu.blogspot.com  पप्पू  और चिरकुट को एक दोस्त ने घर पर खाने के लिये बुलाया. पप्पू  पेपर नेपकिन को खाने की चीज़ समझ कर खाने  वाला था  की चिरकुट ने कहा - &qu...

ड्राइविंग लाइसे प्राप्त करने का आसन तरीका  सबसे पेहले आप अपने नजदीक के R.T.O के कार्यालये में जाएँ और वंहा से LEARNING LICENSE के लिए आवेदन पत्र मांगे उसके बाद अपने आईडी प्रूफ , प...

दोस्तों आज में आपको एक ऐसा तरीका बताऊंगा जिससे आपकी  वेबसाइट पर हजारों लोग आएँगे अब थोड़े से शब्दों में अपना ये लेख पूरा करता हूँ इस वेबसाइट पर जाएँ और अपना अकॉउंट खोले और अपनी वेबसाईट जम...

जरूरत से ज्यादा अपने परिजनों से जुड़े रहने पर डर और दुख का माहौल बनता है। हर दुख का मूल कारण बंधन है। जो बंधन से मुक्त हो जाता है, वह हमेशा सुखी रहता है। आचार्य चाणक्य

पप्पू  (चिरकुट से): तू तो कहता है कि तू थकता नही है,  आज फिर तू सोता हुआ पाया गया. चिरकुट (पप्पू से):  मेरे ना थकने का यही तो राज है.

पप्पू दुकानदार से : मुझे भारत का झंडा दिखाओ. दुकानदार ने भारत का झंडा निकालर दिखाया. पप्पू : इसमें और कलर दिखाओ..

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